मूल डीह का स्वरूप

मूल डीह का आशय हमारे पूर्वजो के निवास स्थान से है | जो जहाँ बस गये, वह उसका मूल डीह या गोत्र कहलाता है | मूल डीह की आवश्यकता विवाह के समय पड़ती है | उस समय हम तीन मूल-डीह प्रथम मूल डीह स्वयं का, दूसरा मूल- डीह नानी के परिवार का, तीसरा मूल- डीह दादी के परिवार (जिससे आई है ) का होता | लड़का व लड़की पक्ष के इन तीनों मूल डीहों का मिलान किया जाता है | 'विवाह' हेतु इन तीनों मूलडीहों का समान होना अयोग्य समझा जाता है | वर एवं वधू पक्ष के क्रमशः इन तीनों मूलडीहों में किसी एक में भी सामनता नही होनी चहिए | हमारे धर्मग्रन्थ में भी ऋषियों द्वारा निकट सम्बन्ध में विवाहवर्जित है | वैज्ञानिक ने भी बताया कि दूर के सम्बन्ध होने से भावी संतान स्वस्थ एवं निरोगी होती है | मूल डीह कि रचना मध्यदेशीय समाज के कुलगुरु प्रवर संत गणिनाथ जी ने की है |

विवाह सम्बन्ध स्थापित करते समय इन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है | हम सभी को चहिए कि अपने समस्त मूलडीहों का ज्ञान अपने परिवार के समस्त सदस्यों को भलीभांति ज्ञात करा दे | यदि एक ही परिवार के पुत्र अलग-अलग दिशाओ में जाकर व्यवसाय करने लग जाते है | कालान्तर उनको मूलडीह एवं आपसी सम्बन्धों का ज्ञान न होने कि दशा में आपस में बनी रहती है जो भावी पीढ़ी के लिए ठीक नही होता |

कुछ मूलडीह अज्ञानतावश या अपभ्रंश की दशा में बिगड़ गए है | स्वजातीय बन्धुओं से निवेदन है कि वे प्रस्तुत मूलडीह शब्द-कोष को देखे, यदि उनका मूलडीह इस शब्द-कोष में नही है तो कृपया अपना वास्तविक मूलडीह प्रेषित करे | जिससे स्वजातीय संगठन मे मुलडीह का विवरण अंकित किया जा सके | आपका सहयोग व सुझाव हमारे समाज के लिए धरोहर सिद्ध होगी |

मूल डीह की वर्णमाला

     अखवटी, अकठवा, असमौरिव, अवर, असरमउलिया, अखोप, अरुपा, असोकर, अखण्डवरी, अनकनवार, अवध, अकड़ा, अजूबा, अवध अमर, अवडवरी, अरबा, अन्हउरकन्हवार, अइठालाहा, अलवेलिया, अमरपुरिया, अवधिया |

     आकर, आमोदेही, आमोडीह, आमी, आठी, आसाढूम, आनार, आमाड़ार, आमोपाली, आसाबर महुआ, आमर घरिया, आठिल |

     इटहारा, इनार कसाई, आनन्दकार, इनार, इसरिया, इयाही, इमिरित कटोरी, इन्गुरिया, इमिरित कटोरिया, इन्गुरी, इटाढ़ी, इयारी, इनरिया,

     उभरिया, उम्बरौली, उजवरहरिया, उच्चबरवली, उरकिया, उमड़िया, उबहडिया, उपठरिया, उभड़िया, उभर, उपनवास, उत्तरिया, उच्चकावावली, उमाडल |

     ऊंचडीह, ऊंजोड़िया, ऊघड़, ऊभार, ऊमर, ऊरिया |

ओं-औ      ओपिनवार, औछ, ओधिया, ओकिनवार, क्षोमिया, ओरिया |

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