डा०(प्रोफेसर) विनोद गुप्त

Posted By: रवींद्र कुमार मद्धेशीय नजफगढ़, नई दिल्ली

On: 01-09-2022

Category: महत्वपूर्ण व्यक्ति

Tags: मऊ

जब किसी विशाल वृक्ष की छाया में बैठो तो अवश्य याद करे और धन्यवाद दे - जिसने इस पेड़ को लगाया, सीचा और जंगली जानवरों से रक्षा करते हुए बडा किया ! जिसके छाया मे सुकून का सांस ले रहे हो। ऐसे अनगिनत विभूति इस पृथ्वी पर मिल जायेंगे जो आपके खुशहाली के पेड़ लगा कर आपकी खुशी से खुश हैं। ऐसे ही मद्धेशीय समाज के एक सजग माली का परिचय दे रहा हूं जो 40 वर्षों से समाज के लिए सेवा में तत्पर है।

डाo विनोद कुमार गुप्त मद्धेशीय समाज के ऐतिहासिक पटल पर एक बहुचर्चित अनुकारणीय नाम है जिसने सेवा के विभिन्न आयामों से समाज को सुसंस्कृत और परिष्कृत करने मे सदैव तत्पर रहे है। इस बहुआयामी प्रतिभा के धनी व्यक्ति का जन्म 25 जुलाई 1955 ई० में बरहज बाजार, देवरिया, उत्तर प्रदेश के स्व श्री कामेश्वर प्रसाद गुप्त , व्यवसायी आपके पिताश्री थे और माताजी का नाम स्व श्रीमति तपेश्वरी देवी था जो एक कुशल गृहणी थी।

शिक्षा:- आपकी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय सरकारी विद्यालय, मिशन स्कूल और श्रीकृष्ण इंटर कॉलेज बरहज , यू पी से प्राप्त किया है और बी कॉम और एम कॉम की डिग्री गोरखपुर विश्वविद्यालय से करने के उपरांत पी एच डी की सम्मानित उपाधि महात्मा गांधी विश्वविद्यालय, वाराणसी से प्राप्त किया। आपकी पठन पाठन में गहरी अभिरुचि बाल्यकाल से रही हैं।

शिक्षण कार्य:- सन 1977 ई० से 2007 तक आपने अध्यापन का कार्य हीरालाल रामनिवास पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज, खलीलाबाद, संत कबीर नगर, उत्तर प्रदेश में प्रवक्ता, वरिष्ट प्रवक्ता और उपाचार्य वाणिज्य (एसोसिएट प्रोफेसर) के रुप में पूर्ण निष्ठा, ससम्मान पूर्वक ३० वर्षो तक योगदान दिया। विद्या मंदिर पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज, कायमगंज, फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश सम्बद्ध छत्रपति शाहू जी महाराज विश्व विद्यालय, कानपुर मे प्राचार्य के पद पर 20007- 18 तक 11 वर्षो की सेवा प्रदान किया। आपकी कुल अध्यापन सेवाकाल 41वर्षो की अमूल्य जीवन की विशिष्ट उपलब्धता है तत् पश्चात 30 जून 2018 को सेवा निवृत्ति हुए।

पारिवारिक विवरण:- आपकी धर्मपत्नी श्रीमती चंदा गुप्ता, सोनीधापा बालिका इंटर कॉलेज, मऊ से सहायक शिक्षिका के रूप मे 40 वर्षो की शिक्षण कार्य से सेवा सेवानिवृत हुईं है। आपके तीन सुयोग्य पुत्रियां और एक पुत्र है , सभी विवाहित और सुखमय जीवन ज्ञापन कर रहे है। बड़ी पुत्री सुजाता एम कॉम, द्वितीय पुत्री नम्रता एम एस सी (वनस्पति शास्त्र), एम एड कर वर्तमान मे बुलंदशहर में शिक्षण से संबद्ध है, तृतीय पुत्री मुदिता एक मल्टी नेशनल कम्पनी मे सीनियर अभियंता के पद पर नोएडा में कार्यरत हैं और सुपुत्र आंशुमान बी टेक (केमिकल) करने के बाद राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों मे कार्य करने के बाद वर्तमान में पांच वर्षो से स्मप्रति "स्वरांजलि" प्रकाशन द्वारा गाजियाबाद , उत्तर प्रदेश मे पुस्तक मुद्रण, रिसर्च जनरल, शोध पत्र पत्रिकाओं के कार्य मे लगे हुए हैं।

अखिल भारतीय मध्यदेशीय वैश्य महासभा के जिला /प्रदेश महासम्मेलन, मऊ 1980 ई० में सामान्य दर्शक एवम सदस्य के रुप में पदार्पण हुआ। सन 1982 ई० में बस्ती जिला वर्तमान मे संत कबीर नगर और सिद्धार्थ नगर के संयुक्त ज़िला महामंत्री के पद पर आसीन हुए। सन 1983 ई० में उत्तर प्रदेश के प्रांतीय सम्मेलन, अकबरपुर, अंबेडकर नगर में आपकी सहभागिता रही। 1984 ई में आपने पश्चिम बंगाल के तालपुकुर, टीटागढ़ मे राष्ट्रीय महासममेलन में भाग लिया, जहा प्रो रामाधार गुप्ता जी को राष्ट्रीय अध्यक्ष, अ भा म वैश्य महासभा का प्रथम बार अध्यक्ष नियुक्त हुए और 1987 ई० में असम , गुवहाटी के ब्राह्मण भवन में अ भा म वैश्य महसभा के सम्मेलन में भाग लेकर सामाजिक कार्यकर्ता के रूप मे उपयोगिता को सिद्ध किया।

सामाजिक पटल पर आपकी कार्यपद्धति ओर निश्छल सेवा के परिणाम स्वरूप उत्तर प्रदेश के प्रांतीय सम्मेलन गोरखपुर में 1996 ई० को प्रांतीय अध्यक्ष के महती पद से सुशोभित किया गया, राज्य मे संगठनात्मक संरचना की मजबूती, विविध रचनात्मक कार्यों से राज्य मे जाति समाज को समृद्ध करने की योजनाओं को सफलीभूत किया। आपके कार्यकाल मे गोरखनाथ मंदिर , पलटू साहब आखाड़ा, फैजाबाद, नदेसर, वाराणसी, कप्तानगंज, आजमगढ़, भृगु आश्रम, बलिया, गोरखपुर, मद्धेशीय अतिथि भवन, मऊ, 01अगस्त 99 को छेदी लाल धर्मशाला, लखनऊ समेत कूल 12 प्रांतिय बैठकों संग समाज मे सामूहिक विवाह, छात्रवृति, आदि संग प्रदेश मे आपसी एकजूटता का मिसाल कायम किया। मोहम्मदाबाद गोहना जनपद मऊ में संत गणिनाथ महाविद्यालय के नामकरण के लिए लखनऊ में तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री राजनाथ सिंह से आग्रह कर राजकीय महाविद्यालय को गणीनाथ जी के नाम पर कराने का उपलब्धि हासिल किया गया, 1987 में पिछड़ा वर्ग आयोग उत्तर प्रदेश के समक्ष श्री ठाकुर प्रसाद गुप्त बलिया प्रोफ़ेसर रामाधार जी गुप्त जो क्रमशः पूर्व प्रादेशिक अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे श्री पब्बाराम जी के साथ रह कर कानू जाति को पिछड़ी जाति में सम्मिलित करने के प्रयास से 1995 मे राज आज्ञा जारी कराया गया जिससे हजारों की संख्या में कानू जाति के लोगों ने आरक्षण का लाभ प्राप्त कर सरकारी नौकरियों तथा प्रवेश परीक्षाओं में उपलब्धि हासिल किया और अन्य सरकार प्रदत ओबीसी आरक्षण का लाभ प्राप्त कर रहें है। श्री दयाशंकर मद्धेशिया जो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने भी लगातार प्रयास कर उक्त कार्य में सफलता दिलाई श्री काली प्रसाद बहादुरगंज, फैजाबाद का भी आभारी हैं जिन्होंने बहुत सारे रिकॉर्ड उपलब्ध करा कर उक्त कार्य में सरलता और आपको मदद किया।

पुनः 1999 ई० लखनऊ में प्रदेश सम्मेलन मे आपको पुनः द्वितीय बार प्रदेश अध्यक्ष के रूप में चयन किया गया जिसे आपने अपनी कुशल नेतृत्व में सेवा प्रदान किया। आपकी प्रादेशिक सेवाओ के अतिरिक्त राष्ट्रीय स्तर पर योगदान अहम रहा है। श्रीमान बिमल कुमार साव, इच्छापुर, बंगाल का सन 1992 मुजफ्फरपुर सम्मेलन मे अ भा म वैश्य महासभा का राष्ट्रीय अध्यक्ष चयन किया गया और राष्ट्रीय महामंत्री के रुप मे पदभार ग्रहण किया। महासभा के समक्ष कई चुनौतियां थी परंतु उसमे सबसे अहम आपके समक्ष महसभा की अनियमीत - अनुशासनविहीन, अव्यवहारिक ढाँचा मिला , जो आपके लिए एक कठिन चुनौती था क्योंकि 1975- 76 ई० में सर्वप्रथम भूत पूर्व महामंत्री श्री रईस लाल गुप्ता "क्रांतिकारी" द्वारा पटना में निबंधन कराया गया था जो वर्तमान कार्यकारणी की अज्ञानता एवम निष्क्रियता से नियमानुकूल अवैध हो चुका था। जिसके कारण महसभा में अनुशासनहीनता , उच्चख्रीलता और वाद विवाद का संगठन बन गया था। आपने अध्यक्ष महोदय बिमल कुमार साव का साथ देते निवर्तमान " अखिल भारतीय मध्यदेशीय वैश्य सभा" , निबंधन संख्या - एस - 27613/ 95 , दिल्ली और अ प्रधान कार्यालय - 1039, लाल कुआं, दिल्ली- 110006 का पता देकर संगठन को पुनः एक सांविधानिक स्वरूप स्थापित कर मिशाल कायम किया।

कटक, सिलीगुड़ी, प बंगाल, स्मारिका प्रकाशित करने में आपकी भूमिका सरहनीय रहा है। संत पलटू दास आखाड़ा फैजाबाद में 13 वर्षो तक सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन कराने मे आपकी भूमिका अग्रणी रही है, जिसमें 100 से अधिक जोड़ो ने सकुशल दाम्पत्य जीवन के बंधन में बंधे। अपने महामंत्रित्व काल में वाराणसी में भव्य सामुहिक विवाह का आयोजन करवा कर एक इतिहास कायम किया। सामुहिक विवाह आयोजन से 25 वर्षो तक जुड़े रहें। ABMVS दिल्ली प्रदेश के 16 वर्षो से सतत वैवाहिक परिचय सम्मेलन में आपकी भाई रवींद्र कुमार, रामनारायण प्र, शंभू नाथ, भोला नाथ गुप्ता, घनश्याम दास गुप्त, अमरनाथ गुप्ता, प्रमोद कुमार आदि संग उल्लेखनीय योगदान रहा है।

आज भी आप समाज - संगठन के प्रति सदैव निष्ठावान है, ऐसे महान विभूति को सादर नमस्कार है।

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