प्रो० रामा आधार गुप्त

Posted By: Hemraj Maddeshia

On: 10-07-2021

Category: महत्वपूर्ण व्यक्ति

Tags: देवरिया

प्रोफेसर रामाधार गुप्ता एक योग्य शिक्षक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की एकनिष्ट सेवक, भारतीय जन संघ के जिला मंत्री, भारतीय जनता पार्टी के वृहत्तर देवरिया जनपद के सुयोग्य जिला अध्यक्ष तथा अखिल भारतीय मध्यदेशीय वैश्य सभा के यशस्वी राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं। ये एम० ए०, बी० एड० तथा साहित्य रस हैं। इनका प्रादुर्भाव २५ पटेल नगर पश्चिम नगर पालिका परिषद, गौरी बरहज, जनपद देवरिया उत्तर प्रदेश में माननीय महेंद्र प्रसाद मद्धेशिया की धर्मपत्नी श्री राम दुलारी देवी के कुक्षी से 01-02-1976 में हुआ था । इनके पितामह श्रद्धेय भुवाल भगत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे | वे सन 1957 ई. के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में स्वतंत्र वीर कुंवर सिंह के साथ परिवार के 18 सदस्यों के साथ शहीद हो गए।

शिक्षा -
प्रोफेसर रामाधार गुप्त कुशाग्र बुद्धि के होनहार युवक थे | वह किंग जॉर्ज इण्टरमीडिएट कॉलेज बरहज, जनपद देवरिया से हाई स्कूल तथा इण्टर की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण कर सन 1955 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय इलाहाबाद में प्रवेश किए। सन 1958 ई. में इलाहाबाद विश्वविद्यालय इलाहाबाद में बी०ए० तथा गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर से बी० एड० की परीक्षा उत्तम श्रेणी से उत्तीर्ण कर किंग जॉर्ज इण्टर कॉलेज बरहज, जनपद देवरिया में अंग्रेजी विषय के अध्यापक नियुक्त हुए। वह शैने: शैने: एक परिश्रमी, व्यवहारीक, कर्मठ और विद्वान शिक्षक के रूप में जनपद में बहू विश्रुत हो गए । एम० ए० की परीक्षा दर्शन शास्त्र में उत्तीर्ण करने के उपरांत सन 1970 ई. में प्रोफेसर रामाधार गुप्त तर्कशास्त्र के प्रवक्ता हुए। अनेक वर्षों तक इस पद पर कार्य करते हुए एक आदर्श, योग्य और कर्मठ शिक्षक के रूप में वे 30 जून 1996 ई. में अवकाश ग्रहण किए। किन्तु अवकाश ग्रहण के बाद भी शिक्षा एवं सामाजिक कार्यो से विरत नहीं हुए | उससे संलिप्तता बनाए रखें।

संघ कार्य -
प्रोफेसर रामाधार गुप्त शिशु अवस्था में सन 1946 ई. में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयं सेवक बने। संघ के कार्य एवं पद्धति की जानकारी होने के उपरांत वे मुख्य शिक्षक, मण्डल प्रमुख, मण्डल कार्यवाह तथा विस्तारक बनाए गए। जनपद के कई नगरों में वे संघ कार्य के विस्तार हेतु गए तथा कार्य संपादन किए | सन 1966 ई. में नागपुर, महाराष्ट्र से तृतीय वर्ष ओ०टी०सी० करने के उपरांत वे परम पूज्य माधव राव सदाशिव राव गोलवलकर, माननीय माऊराव देवरस, पंडित दीनदयाल उपाध्याय तथा माननीय नाना जी देशमुख के संपर्क में आ गए। माननीय भाऊ राव देवरस और प्रो० रामाधार गुप्ता को आश्रम के तिनसुकिया में जिला प्रचारक बनाकर भेजना चाहते थे, किंतु माननीय नाना जी देशमुख के निर्देश पर प्रोफेसर रामाधार गुप्त को भारतीय जन संघ का सलेमपुर लोक-सभा के संगठन का दायित्व दिया गया | सलेमपुर लोक-सभा में इनकी संगठन क्षमता, श्रम, व्यवहारिकता एवं बौद्धिक कुशलता को देखकर इन्हें भारतीय जनसंघ का देवरिया जनपद के जिला मंत्री बनाया गया । इस कार्य को। योजनाबद्ध ढंग से इन्होंने पूर्ण किया, कभी शिथिलता नहीं दिखाई | फल स्वरुप जनपद में अत्यंत लोकप्रिय हो गए।

राजनीतिक कार्य -
सन 1967 ई. के भारत के राष्ट्रीय चुनाव के उपरांत विरोधी दल के नेताओं ने अनुभव किया पक्ष में 65% मत मिलने पर भी कांग्रेस् 30% से 35% मत प्राप्त कर सत्तारुढ़ हो जाती है तथा सभी विरोधी दल पराजित हो जाते हैं | अस्तु सभी विरोधियों को एक होकर चुनाव लड़ना चाहिए | इस तथ्य को ध्यान में रखकर लोकनायक जयप्रकाश नारायण के सानिध्य में जनता पार्टी की स्थापना की गई तथा चुनाव लड़ा गया | चुनाव में कांग्रेस पराजित हो गई | माननीय मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने | उन्होंने मंत्रि-मण्डल में माननीय अटल बिहारी वाजपेयी, चौधरी चरण सिंह, लालकृष्ण आडवाणी, जॉर्ज फर्नांडिस, राजनारायण सिंह, मुलायम सिंह यादव तथा श्रीमान लालू यादव केंद्रीय मंत्री बनाए गए | देश में शांति, सदभाव और सुशासन 2 वर्ष 6 माह बाद दलों का अन्त: कलह प्रारंभ हो गया | ऐसी दशा में माननीय अटल बिहारी वाजपेई दोहरी सदस्यता की एक नाम पर दुखी हो जनता पार्टी से अलग हो गए और 6 अप्रैल सन 1980 ई० में वे भारतीय जनता पार्टी की स्थापना कर दिए तथा पार्टी का निशान कमल का फूल घोषित किए | भारतीय जनता पार्टी की स्थापना होने से ही कार्यकर्ताओं एवं नेताओं ने पूर्ण मनोयोग से कार्य करना प्रारंभ किया | माननीय लालकृष्ण आडवाणी जी को सोमनाथ से श्रीराम जन्म-भूमि अयोध्या की रथ यात्रा प्रारंभ हो गई । भारतीय जनता पार्टी के प्रति जन-मानस का झुकाव बढ़ने लगा | फलस्वरुप भारतीय जनता पार्टी एक शक्तिशाली पार्टी के रूप में उभरकर जनता का नेतृत्व करने लगी | भारतीय जनता पार्टी का शासन उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, गुजरात, बिहार तथा असम में स्थापित हो गया | इस क्रम में सन 1992 ई० में वृहत्तर देवरिया का जिलाअध्यक्ष प्रोफेसर रामाधार गुप्त को बनाया गया। वह अपनी बौद्धिक क्षमता, श्रम तथा व्यवहार कुशलता से अहनिर्शी कार्यशील रहे तथा जनपद से सम्पर्क बनाए रहे | प्रोफेसर रामाधार गुप्त धन-संग्रह करके माननीय लालकृष्ण आडवाणी भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को सेवरही की सभा में माननीय राम नगीना मिश्र, सूर्य प्रताप शाही, दुर्गा प्रसाद मिश्र, श्री नारायण उपाध्याय तथा पंडित नंदकिशोर मिस्र की उपस्थिति में तीन लाख इक्कावान हजार की धनराशि की थैली प्रदान किये | इसके लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उन्हें बधाई दी तथा प्रो० रामाधार गुप्त की भूरी भूरी प्रशंसा की | प्रोफेसर रामाधार गुप्त ने जनपद में जनता के स्वास्थ्य के सुधार हेतु सभी विधान सभाओं में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित कराया | उन्होंने बरहज नगर में अपनी तथा अपने मित्रों की 40 कट्ठा जमीन दान में प्रदान कर तीस बेड का सुंदर एवं भव्य सामुदायिक अस्पताल का निर्माण कराया | जिसमें हजारों लोग प्रतिदिन स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करते हैं। उत्तर प्रदेश राज्य के चुनाव में सन 1992 ई० में प्रोफेसर रामाधार ने अपने प्रत्याशी चयन, परिश्रम, बैठकों तथा सभाओं का प्रबंधन इतना उत्तम और व्यवस्थित किया कि जनपद में 13 विधानसभाओं में 10 विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी विजयी हुई | इसमें प्रोफेसर रामाधार गुप्त जनमानस में आदर एवं चर्चा के विषय बन गए | लोग इन्हें पार्टी का भीष्म पितामह कहने लगे | जनपद में जहां भी जाते तो लोग इनकी बातों को ध्यान से सुनते और इनके प्रति सम्मान व्यक्त करते ।

जेल यात्रा -
प्रोफेसर रामाधार गुप्ता ने एक बार स्थानीय क्षेत्रीय तथा राष्ट्रीय समस्याओं को लेकर आंदोलन किए बंदी बनाए गए तथा जेल की यातना सहे | पहली बार पाकिस्तान को अमेरिका द्वारा सैन्य सहायता देने पर दिल्ली में माननीय बलराम माधव तथा पंडित माधव प्रसाद त्रिपाठी प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में अमेरिकन एंबेसी के सम्मुख काले झंडे दिखाएये, पकड़े गए और एक माह तिहाड़ सेंट्रल जेल दिल्ली में निरूद्ध रहे। भारत सरकार द्वारा रेल किराए की वृद्धि पर देवरिया जिले के भटनी जंक्शन पर आश्रम मेल को रोकने पर पकड़े गए और देवरिया जिला कारागर में बंदी बनाए गए। इसी प्रकार सरकार द्वारा किसानों तथा व्यापारियों से लेवी वसूली पर आंदोलन किए और बंदी बनाए गए। श्री राम जन्मभूमि आंदोलन में न्यास के अध्यक्ष 1008 महंत श्री अयोध्या जी में ओजस्वी भाषण देने के कारण बस्ती के जिला कारागार में एक माह तक निरुद्ध रहे । आपातकाल में कितनी बार माननीय कलराज मिश्र के साथ मधुबनी, देवरिया में जनपद में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के उपरांत पकड़े गए तथा जिला कारागार देवरिया में अनिश्चितकाल तक यातना सहे ।
प्रोफेसर रामाधार गुप्ता अपने जीवन के 25 बसंत व्यतीत कर चुके हैं फिर भी वे भारतीय जनता पार्टी द्वारा संचालित नगर पालिका, जिला पंचायत, विधान सभा तथा लोक सभा के चुनाव में सक्रिय रहते हैं तथा कार्य करते हैं | इनके कार्यक्रम देवरिया जनपद के बाहर कुशीनगर, महाराजगंज, गोरखपुर, मऊ तथा बलिया में भी संगठन द्वारा लगाए गए जाते हैं | ये एक कुशल, परिश्रमी, विद्वान संगठन कर्ता एवं वक्ता है।

मध्यदेशीय वैश्य कार्य योजना-
प्रोफ़ेसर रामाधार गुप्त संघ, जनसंघ तथा भारतीय जनता पार्टी के साथ-साथ मध्यदेशीय वैश्य महासभा से भी सम्बन्धित रहे हैं । इनका इस संस्था से सम्बन्ध सन 1959 ई० में इलाहाबाद के महा सम्मेलन में हुआ था | इस सम्मेलन में डॉक्टर तेज बहादुर गुप्त, प्राचार्य दरभंगा मेडिकल कॉलेज दरभंगा, बिहार राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए थे | प्रोफेसर रामाधार गुप्त इस महा सम्मेलन में पूर्ण मनोयोग से समग्र कार्यक्रमों में भाग लिया तथा सक्रिय रहे | प्रोफेसर साहब उसी समय से अनवरत अखिल भारतीय मध्यदेशीय वैश्य महासभा के राष्ट्रीय प्रांतीय तथा जिला सम्मेलन में सम्मिलित होते रहे । सन 1984 ई० में वे तालपुकुर, टीटागढ़, कोलकाता, पश्चिम बंगाल में अखिल भारतीय मध्यदेशीय वैश्य महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सर्वसम्मति से चुने गए । अखिल भारतीय मध्यदेशीय वैश्य महासभा राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के उपरांत प्रोफेसर साहब संस्था को राष्ट्रीय स्वरूप प्रदान करने के लिए व्यापी प्रवास प्रारंभ किये | वे अपने समाज के धनीभूत संख्या वाले 15 राज्यों में वर्ष में चार-चार बैठके किये, समाज के बंधुओं से सामीव्य सम्बन्ध स्थापित किए तथा राज्यों के पदाधिकारियों के माध्यम से जनपदों की ओर बढ़े तथा जनपदों में भी वर्षानुवार्ष बैठके और सभाएं करते रहे, फलस्वरुप संपूर्ण देश में राष्ट्रीय, प्रांतीय जनपदीय संगठन में ऐसे लोग संबंधित होने लगे । सम्प्रति अखिल भारतीय मध्यदेशीय वैश्य सभा का 15 प्रान्तों में संगठन सुव्यवस्थित रूप से रहा है | समाज के लोग इससे जुड़ कर सर्व हितकारी कार्यों में लगे हुए हैं तथा कार्यकर्ता इसे व्यापक, सर्वंक नित्तसिध्द संगठन बनाने हेतु प्रयास रत हैं |


आइए, वर्ष में राज्य तथा जनपदों में चार चार बैठकें, सभाओं की कार्य-योजना बनाये, कार्य करें तथा समाज में यश भाजन बनें ।

Back To LIST



महत्वपूर्ण स्वाजातीय व्यक्तियों का लिस्ट

Popular Link