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GPS सेल्फ केयर टीम की स्थापना 3 जुलाई 2023, गुरु पूर्णिमा के दिन स्वजातीय बन्धुओ का, स्वजातीय बन्धुओ के लिए, स्वजातीय बन्धुओ के द्वारा सहयोग हेतु बनाई गयी मध्यदेशीय वैश्य सभा पूर्व अखिल भारतीय मध्यदेशीय वैश्य सभा की पहली टीम है। GPS सेल्फ केयर टीम से जुड़ने के लिए स्वजातीय बन्धु स्वेच्छा से समस्त नियम एवं शर्तो से सहमति के उपरांत वेबसाइट https://abmvs.com/gpssct के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करके जुड़ सकते हैं।
GPS सेल्फ केयर टीम से जुड़ने हेतु किसी भी प्रकार का सदस्यता शुल्क नही लिया जाता है। GPS सेल्फ केयर में सदस्यता पूरी तरह निःशुल्क है। किसी भी स्वजातीय बन्धु को बाध्य करके GPS सेल्फ केयर टीम से नही जोड़ा जाता बल्कि स्वजातीय बन्धु स्वेच्छा से जुड़ते हैं।
GPS सेल्फ केयर टीम का संचालन मध्यदेशीय वैश्य सभा (रजि० नंबर- S / 3026) करती है।
1) - GPS सेल्फ केयर टीम का निर्माण स्वजातीय बन्धुओ के लिए किया गया है ।
2) - GPS सेल्फ केयर टीम से जुड़ने हेतु आवश्यक सूचना संबंधी फ़ार्म भरकर रजिस्ट्रेशन किया जाना अनिवार्य है, साथ ही GPSSCT का टेलीग्राम पर आधिकारिक ग्रुप बनाया गया है, जिसपर समय समय पर सहयोग या नियम या अन्य महत्वपूर्ण सूचनाएं प्रदान की जाती रहती हैं। इसके साथ ही आवश्यकता पड़ने पर महत्वपूर्ण निर्णय लेने संबंधी पोल या विचार सुझाव आदि के दृष्टिगत ग्रुप के सदस्यों को भी विचार रखने और पोल में भाग लेने का अवसर दिया जाता है। यही कारण है कि GPSSCT का सदस्य बनने के साथ ही महत्वपूर्ण सूचनाओं से अपडेट रहने हेतु टेलीग्राम ग्रुप को सप्ताह में कम से कम 2 बार देखने और अपडेट रहने की भी बाध्यता रखी गयी है। कोई भी सदस्य अगर टेलीग्राम ग्रुप नियमतः नहीं देखता और संबंधित सूचनाएं यदि नहीं प्राप्त कर पाता तो संबंधित स्वजातीय सदस्य स्वयं जिम्मेदार होगा। फिर भी प्रयास किया जाता है कि अन्य सोशल मिडिया प्लेटफार्म तथा जनपदीय टीम के माध्यम से भी आवश्यक सूचनाओं का प्रसारण किया जाता है। GPSSCT का प्रथम दिवस से नियम है - जो सहयोग करेगा, उसे ही सहयोग मिलेगा । GPSSCT में प्रथम दिवस से सदस्यता पूरी तरह निःशुल्क है, टीम से जुड़ने के लिए कोई शुल्क नही लगता, बस दिवंगत सदस्यो के परिवार को सहयोग ही भेजना जरुरी होता है।
3) - बहुत आवश्यक सूचनाओं की जानकारी प्रदान करने हेतु बल्क टेक्स्ट मैसेज सुविधा को प्रारम्भ करने हेतु ट्राई से अनुमति लेने का प्रयास किया जा रहा है।
4) - GPSSCT द्वारा हेल्पलाइन नंबर-8299104077 सदस्यों की सुविधा हेतु जारी किया गया है, जिसपर कॉल / व्हाट्सएप्प के माध्यम से जानकारी का आदान प्रदान किया जा सकता है। कोई भी सदस्य इस नम्बर पर कॉल या मैसेज करके सूचना दे / ले सकता है।
5) [A]- (A) 15 दिन के लॉक इन पीरियड से तात्पर्य यह है की यदि कोई स्वजातीय बन्धु 01जनवरी को रजिस्ट्रेशन किया, तो यदि उसकी मृत्यु 15जनवरी की रात 12बजे तक हो जाती है, तो उसे सहयोग नहीं किया जायेगा साथ ही एक जनवरी से 15 जनवरी तक कोई सहयोग चलता है, तो उसका सहयोग करना भी बाध्यकारी नहीं होगा , मानवता भाव से चाहे तो वह सहयोग कर सकता है, लेकिन उस सहयोग के बदले लॉक इन पीरियड के दौरान मृत्यु होने पर उसके नॉमिनी द्वारा सहयोग का दावा नहीं किया जा सकेगा। यदि ऐसे सदस्य की मृत्यु सदस्य बनने के 16वे दिन हो जाती है या लॉक इन पीरियड के बाद उसे सहयोग करने मे अवसर मिले बिना ही उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसे GPSSCT द्वारा सहयोग किया जायेगा क्योंकि उसे सहयोग करने का अवसर नहीं मिला तो उसकी सहयोग करने की निष्ठा को गलत नहीं माना जा सकता, इसलिए उसका सहयोग किये जाने का प्रावधान होगा ।
5) [B]- 90दिन के लॉक इन पीरियड के दौरान रजिस्ट्रेशन करने के उपरांत सभी सहयोग करना अनिवार्य कर दिया गया लॉक इन पीरियड के दौरान मृत्यु होने पर सहयोग नही किया जा सकेगा।
5) [C]- गम्भीर बीमारी की स्थिति में लॉक इन पीरियड 1 वर्ष का होगा। यदि किसी सदस्य द्वारा रजिस्ट्रेशन करते समय या बाद में किसी गम्भीर बीमारी के हो जाने पर अपनी प्रोफाइल में दर्ज/अपडेट नही करता है तो तथ्यगोपन की श्रेणी में मानते हुए उसका सहयोग किया जाना सम्भव नही होगा । गम्भीर बीमारियों की श्रेणी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा सूचीबद्ध की गई बीमारियों से मान्य होगी |
5) [D] - GPSSCT कोर टीम सहयोग के आह्वान हेतु अपने स्वविवेक का भी इस्तेमाल करके निर्णय लेने को भी स्वतंत्र होगी, वैधानिकता या किसी भी प्रकार के मामलों में जहां उचित समझेगी अपने स्तर से परीक्षण करने को स्वतंत्र होगी । कोई भी सदस्य/नॉमिनी सहयोग प्राप्त करने हेतु कानूनी दावा/अधिकार नही कर सकेगा,बल्कि संस्था नैतिकरूप से सहयोग करवाने का प्रयास करेगी।
5) [E] - GPSSCT दिवंगत सदस्यों के एक से अधिक नॉमिनी होने की स्थिति में दूसरे नॉमिनी को सहयोग सुनिश्चित करने हेतु स्वविवेक एवं स्वतः हस्तक्षेप करने को स्वतंत्र होगी, जिसपर लाभार्थी द्वारा किसी भी प्रकार की कानूनी या गैर कानूनी कदम नही उठाया जा सकेगा। लाभार्थी या उसके परिवार द्वारा संस्था के प्रति मिथ्या आरोप लगाने/ भ्रम फैलाने / दुष्प्रचार करने या दुर्व्यवहार करने पर सहयोग की गई राशि वापस करवाकर किसी अन्य दिवंगत परिवार को हस्तांतरित करवाने का अधिकार रखती है। ऐसे मामलों में टीम कानूनी कार्यवाही भी करने के लिए स्वतंत्र होगी।
5) [F] - सहयोग के दौरान या उसके बाद यदि किसी स्वजातीय बन्धु द्वारा गलती से अधिक राशि किसी सहयोग हो रहे/ हो चुके नामिनी के खाते में भेज दी जाय तो उचित साक्ष्य प्रस्तुत करने पर नामिनी द्वारा वो धनराशि उस सदस्य के खाते में वापस करना पड़ेगा। इस हेतु टीम गारंटी नही ले सकेगी किंतु नियमानुसार गलती से भेजी गई धनराशि को वापस करवाने हेतु सार्थक और पूर्ण प्रयास करेगी ।
6) - वर्तमान समय में सहयोग प्राप्त करने हेतु सभी सहयोग करना अनिवार्य है। सदस्य बनने के बाद लॉक इन पीरियड की अवधि के उपरांत समस्त सहयोग करने के बाद नियमतः जारी वेबसाइट/गूगल फॉर्म भरते हुए रसीद अपलोड करना अनिवार्य होगा। बिना सहयोग किये या सहयोग करने के बाद गूगल फार्म न भर पाने की स्थिति में सहयोग प्राप्त करने हेतु अर्ह नहीं माना जा सकेगा। क्योंकि वैधानिकता की पुष्टि हेतु सहयोग के बाद फार्म भरना अनिवार्य है।
7) - यदि किसी स्वजातीय बन्धु द्वारा सदस्य बनने के बाद सहयोग नहीं किया गया या बीच में किसी का सहयोग नहीं किया गया तो ऐसी स्थिति में वह वैधानिक सदस्य नहीं होगा। ऐसे सदस्य निम्नलिखित नियमो के तहत अपनी वैधानिकता सक्रिय कर सकेंगे-
7) [A] - ऐसे सदस्य जो जुड़ने के उपरांत लगातार सहयोग करते आ रहे हैं, अगर 10 सहयोग से पहले (यानी 90% वाली छूट से पूर्व) कोई सहयोग ब्रेक होता है, तो वैधानिकता समाप्त हो जाएगी किंतु एक बार वैधानिकता समाप्त होने पर लगातार 03 सहयोग करके सदस्यता पुनः बहाल की जा सकेगी। 3 सहयोग पूरा होने तक वह सदस्य सहयोग प्राप्त करने हेतु वैध नही होगा, 3 सहयोग पूरा करते ही वह वैधानिक सदस्य हो जाएगा। लेकिन यह 01 सदस्य को केवल 01 ही बार ऐसा अवसर दिया जायेगा। यहाँ पर यह भी ध्यान देने योग्य होगा कि बीच मे केवल 2 सहयोग ही अधिकतम ब्रेक हुआ हो। इससे अधिक सहयोग ब्रेक होने की दशा में नियम 7 (B) लागू होगा। सदस्य द्वारा 10 सहयोग कर देने पर 90% वाला नियम प्रभावी होगा, साथ ही 90% के नियमो के अतिरिक्त ब्रेक होने की स्थिति में नियम 7 (A) और 7 (B) परिस्थितियों के अनुसार लागू होगा।
7) [B] - रजिस्ट्रेशन करने के बाद सहयोग न करने वाले सदस्य यदि स्वतः क्रियाशील होकर वैधानिक सदस्य बनकर सहयोग करने की स्थिति में एवं बीच मे 02 से अधिक सहयोग ब्रेक होने की स्थिति में, 05 सहयोग करने के बाद ही सदस्यता बहाल मानी जायेगी, जब तक 05 सहयोग नही किये जाते, बीच मे मृत्यु होने की स्थिति में वह सदस्य अवैधानिक होगा और सहयोग नही प्राप्त कर सकेगा। कोर टीम की विशेष संस्तुति पर लगातार 05 सहयोग करने पर ही सदस्यता बहाल की जा सकेगी। ऐसे मामले में 03 माह का लॉक इन पीरियड भी लागू होगा। (यह जरूरी नही की 3 माह का लॉक इन पीरियड पूरा होने तक 5 सहयोग करने का अवसर आये, 03माह के लॉक इन पीरियड पूरा करने के बाद 5 सहयोग पूरा करना अनिवार्य होगा।)
7) [C] - जो सदस्य किसी कारण से सहयोग नही कर पाए, उनको हमेशा के लिए निकालने से अच्छा एक मौका देना है । यदि कोई नया रजिस्ट्रेशन करता है, तब भी लॉकिंग पीरियड होती है। उसी प्रकार जो अब तक सहयोग नही किया है और अब सहयोग करना चाह रहे है तो लगातार 05 सहयोग और उनके लिए 03 माह का लॉकिग पीरियड होगा । लॉकिंग पीरियड 90 दिन कर दिया गया है।
7) [D] - किसी अन्य व्यस्तता, पारिवारिक व्यस्तता, समारोह, कार्यक्रम आदि अन्य स्थितियों स्वयं या पारिवारिक आदि की स्थिति में सहयोग छूट जाने की दशा में दावा मान्य नही होगा, इस हेतु क्रमिक सहयोग करके वैधानिकता बहाल करने की व्यवस्था/ 10 सहयोग के बाद 90% अवसरों में सहयोग की स्थिति सम्बन्धी नियम लागू होगा।
8) - कम से कम 10 सहयोग हो जाने के बाद यह देखा जा सकेगा की किसी सदस्य ने 90% अवसरों पर यानी 10 में से 09 बार कम से कम यदि सहयोग किया है, तो उसे किसी 01 का सहयोग न कर पाने के कारण उसकी सदस्यता न तो निलंबित होगी, न ही उसे सहयोग से इंकार किया जायेगा। बशर्ते सहयोग न कर पाने का वाजिब संतोषजनक कारण हो। इस प्रकार की छूट सहयोगों की कुल संख्या बढ़ने यानी10 बार 20बार, 50बार के साथ साथ विचाराधीन रहेगी और उसके सहयोग के प्रतिशत में 80% से 90% तक विचार किया जा सकेगा। लेकिन 10सहयोग के बाद ही 90% का नियम अगले संशोधन तक लागू माना जायेगा। 10 सहयोग से पहले 90% अवसरों पर सहयोग के नियम को नही माना जायेगा। तब तक समस्त सहयोग करना अनिवार्य होगा।
8) [A] - किसी स्वजातीय बन्धु के सदस्य बनने के 10 सहयोग पूरे करने के उपरांत प्रति वर्ष अपरिहार्य स्थिति में 01 सहयोग न कर पाने की की दशा में केवल 01 छूट दी जा सकेगी, लेकिन पूर्व में उसके द्वारा सदस्य बनने के बाद 10 सहयोग किया गया हो।
8) [B] - यदि कोई सदस्य पूर्व में सभी सहयोग कर रहा था और वैधानिक सदस्य था किंतु गतिमान सहयोग के दौरान (सहयोग शुरू होने की तिथि से सहयोग खत्म होने तक) सहयोग तिथि समाप्त होने से पूर्व सहयोग नही किया रहता और उसी दौरान उसकी दुःखद मृत्यु हो जाती है तो वह लाभ का पात्र माना जायेगा क्योंकि यह माना जायेगा कि वह जीवित होते तो पूर्व की भाँति सहयोग करते। किंतु अगर सहयोग समाप्त हो जाने के बाद मृत्यु होती है तो गतिमान सहयोग की छूट का लाभ नही दिया जा सकेगा। जैसे- सहयोग शुरू होने के पूर्व या शुरू होने के दिन या गतिमान सहयोग के दौरान कोई सदस्य हॉस्पिटल में भर्ती होता है और उसकी मृत्यु हो जाती है तो उस स्तिथि में दिवंगत शिक्षक के परिवार को सहयोग किया जा सकेगा। यहां पर यह भी देखा जाएगा कि उस स्थिति में गतिमान सहयोग पूर्ण गया, उस स्थिति में सहयोग करना जरूरी होगा। सहयोग समाप्त हो जाने के बाद मृत्यु होने की स्थिति में सहयोग नही दिया जा सकेगा। यह नियम सिर्फ स्वजातीय बन्धु के स्वयं के अपरिहार्य हालात जैसे गम्भीर दुर्घटना/ बीमारी/अस्पताल में होने की स्थिति में ही मान्य होगा।
9) - सुसाइड या किसी विवादित केस या अन्य केस जो संज्ञान लेने लायक हो, में कोर टीम के पास पड़ताल करके वस्तु स्थिति से अवगत होने के बाद निर्णय लेने का अधिकार होगा। आवश्यकता पड़ने पर वोटिंग या जिला इकाई या सदस्यों की राय भी ली जा सकेगी।
9) [A] - वस्तुतः एक से अधिक सदस्य की मृत्यु होने पर उसकी मृत्यु की तिथि के क्रम में ही सहयोग किया जाएगा। किंतु यदि किन्ही दो या अधिक स्वजातीय बन्धु की मृत्यु एक ही तिथि में होती है तो ऐसी स्थिति में उस स्वजातीय बन्धु का सहयोग पहले किया जाएगा जिसके सहयोग करने का प्रतिशत/एवरेज अधिक होगा। उसके बाद अन्य का। उपरोक्त प्रकरणों में किसी विशेष परिस्थिति जैसे स्थलीय निरीक्षण न हो पाना, कुछ तकनीकी कमी आदि मामलों में कोर टीम सहयोग के क्रम का निर्णय अपने विवेकानुसार ले सकेगी।
B) [9] - नॉमिनी सम्बन्धी विवाद की स्थिति में प्रदेश / कोर टीम परीक्षणोपरांत निर्णय लेने और सहयोग करवाने हेतु स्वतंत्र होगी।
10) - उपरोक्त नियमो से इतर हटकर न किसी का सहयोग किया जा सकेगा जा सकेगा न ही किसी का सहयोग रद्द किया जा सकेगा।
10 [A] - अनुशासन हीनता, GPSSCT विरोधी गतिबिधि या किसी प्रकार की साजिश करने वालो के विरुद्ध GPSSCT कोर टीम के पास निर्णय लेने का अधिकार होगा। कोई भी स्वजातीय बन्धु GPSSCT के साथ साथ अन्य समान प्रकार के संघो/टीम में सदस्य के रुप में रह सकता है, किंतु किसी अन्य सम विषयक टीम के पदाधिकारी के रूप में कोई स्वजातीय बन्धु GPSSCT का वैध मेम्बर प्रथम दृष्टया नही होगा (इस प्रकरण पर कोर टीम निर्णय लेने हेतु स्वतंत्र होगी) कोई भी व्यक्ति या अन्य जी पी यस सेल्फ केयर टीम / समिति के खिलाफ दुष्प्रचार या अफवाह फैलाता है, बिना सबूत या आंकड़े प्रस्तुत किये आरोप लगाता है तो टीम उसके विरुद्ध किसी भी प्रकार की कार्यवाही करने हेतु स्वतंत्र होगी।
10 [B] - वाट्सअप ग्रुप पर जानकारी हेतु समस्त सूचनाएं समय समय से प्रदान की जाती हैं। कोई सदस्य वाट्सअप ग्रुप से सूचनाएं नहीं प्राप्त करता तो वह स्वयं जिम्मेदार होगा।
10 [C] - सदस्य हेल्पलाइन के माध्यम से अपना सवाल जवाब प्राप्त कर सकेंगे।
10 [D] - समय और आवश्यकता को देखते हुए GPSSCT के किसी भी नियमो में कभी भी संशोधन/परिवर्तन किया जा सकेगा।
10 [E] - GPSSCT सहयोग सीधे दिवंगत परिवारों के नॉमिनी के खाते में करवाती है इसलिए किसी भी प्रकार की न्यायिक चुनौती देने का अधिकार किसी व्यक्ति या सदस्य के पास नहीं होगा।
11) - GPSSCT किसी भी स्वजातीय बन्धु को जबरन या दबाव देकर सदस्य नहीं बनाती है, सदस्यों को नियम स्वीकार करके ही सदस्य बनने का विकल्प प्रदान किया जाता है, स्वेच्छा से कोई भी सदस्य कभी भी खुद को अलग कर सकता है।
12) - GPSSCT से जुड़ने हेतु कोई भी सदस्यता शुल्क नहीं है, कोई भी सदस्य नियम एवं शर्तो से सहमत होकर निःशुल्क रजिस्ट्रेशन करके सदस्य बन सकता है और सहयोग कर सकता है। सहयोग पाने हेतु उपरोक्त नियमो के तहत ही दावेदारी होगी।
13) - GPSSCT का सदस्य बनने के साथ ही GPSSCT के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ना अनिवार्य होगा क्योंकी सभी आधिकारिक सूचनाएं टलिग्राम ग्रुप पर ही दी जाएगी।. सुविधाओं के दृष्टिगत सोशल मिडिया या अन्य माध्यमों से भी सूचनाएं देने का प्रयास किया जायेगा लेकिन यह किया जाना बाध्यकारी नहीं होगा।
14) - सहयोग के दौरान कूटरचित/फर्जी रसीद या नियमो के विपरीत कार्य करने वाले सदस्यों के बारे में कोर टीम निर्णय लेने की अधिकारी होगी। ऐसे सदस्यो की वैधानिकता भी समाप्त की जा सकेगी और लाभ से भी वंचित किया जा सकेगा।
नोट - 2 नॉमिनी के मामले में प्रथम नॉमिनी को 75% तथा दूसरे को 25% दिए जाने का प्रावधान किया गया है।
15) - व्यवस्था शुल्क यह अनिवार्य नहीं है. ऐच्छिक है। जो सदस्य चाहे वो समिति के खाते में मात्र 50/- वार्षिक जमा करके निम्न लाभ प्राप्त कर सकते हैं। व्यवस्था शुल्क का हिसाब समय समय पर समिति द्वारा दिया जायेगा। जिन सदस्यों ने व्यवस्था शुल्क समिति के खाते में जमा किया है उनको किसी दुर्घटना होने पर 1लाख या उससे अधिक का बिल लगने पर 25हजार से 50हजार तक की मदद की जाएगी जोकि निम्नलिखित नियम एवं शर्तो के अधीन होगी -
दुर्घटना में इलाज की शुरुआत २०२३ से की जा रही है जिसके नियम व शर्त निम्न है- नोट- दुर्घटना में इलाज हेतु 15 दिन का लॉकिंग पीरियड लागू किया जा रहा है मतलब शुल्क जमा होने के 15 दिन बाद ही होने वाली दुर्घटना पर लाभ दिया जाएगा। साथ ही मदद अतिरिक्त लाभ के तौर पर दी जा रही है जिसका सहयोग और राशि टीम के पास उपलब्ध धन पर निर्भर करेगा।
1) - ये सुविधा GPSSCT के वैधानिक सदस्य को ही मिलेगी। लाभ प्राप्त करने हेतु सदस्य द्वारा व्यवस्था शुल्क जमा करने की तिथि से 1वर्ष पूरा होने तक लागू रहेगी, उसके पश्चात पुनः वार्षिक आधार पर जमा करना होगा।
2) - ये सुविधा सिर्फ व्यवस्था शुल्क देने वाले को ही मिलेगी।
3) - इस व्यवस्था के लिए कुल व्यवस्था शुल्क की 50% राशि ही उपयोग की जाएगी।
4) - यह लाभ उन्हें ही मिलेगा जिनका इलाज का खर्च 1 लाख से अधिक का होगा।
5) - यह राशि तुरंत न दे कर स्थलीय निरीक्षण के बाद ही दी जाएगी। कैशलेस या हास्पिटैलिटी के समय ही यह खर्च दिया जाय यह जरूरी नही होगा, समय से सहयोग करने का प्रयास रहेगा लेकिन समस्त औपचारिकताओं की जांच करने के उपरांत ही सहयोग होगा।
6) - कोशिस की जाएगी कि राशि सीधे होस्पिटल के खाते में दी जाए। यदि उस समय न सम्भव हुआ तो समय और परिस्थिति के हिसाब से कोर टीम निर्णय लेगी।
7) - यह सुविधा सिर्फ दुर्घटना में ही मिलेगी। बीमारी आदि के इलाज पर नही(भविष्य में बीमारी को कवर करने की कोशिस की जाएगी)।
8) - संसाधनों को देखते हुए और इलाज की गम्भीरता तथा उस पर खर्च को देखते हुए मिनिमम 25000 औऱ अधिकतम 50,000 की ही मदद अभी की जाएगी संसाधन बढ़ने पर ये राशि 1लाख तक बढ़ाई जा सकेगी।
इसके अतिरिक्त समिति सभी सदस्यों को व्यवस्था शुल्क हेतु आयी राशि से निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान करेगी-
1) वेबसाइट के निर्माण और संचालन में
2) ऐप बनवाने और संचालन में
3) sms सुविधा उपलब्ध कराने में ( TRAI से अनुमति मिलते ही यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी )।
4) एक आफिस और एक टेक्निकल सपोर्ट रखने में जो आपको तकनीकी मदद देगा।
5) स्थलीय निरीक्षण करने में।
6) GPSSCT से ज्यादा से ज्यादा स्वजातीय बन्धुओ को जोड़ने के अभियान में।
7) समय समय पर नई तकनीकी का इस्तेमाल में ताकि प्रक्रिया पारदर्शी के साथ साथ आसान बन सके।
(उपरोक्त नियमो में उनके लागू होने की स्थिति के बारे में हर क्लॉज में अवगत कराया गया है, अभी तक केवल 1नियम में समय- समय और आवश्यकतानुसार परिवर्तन हुआ है- लॉक इन पीरियड।
(भविष्य में जरूरतों को देखते हुए नियमो में परिवर्तन का अधिकार GPS सेल्फ केयर टीम के पास होगा, विवादास्पद स्थिति में कोर टीम के पास निर्णय लेने का अधिकार सुरक्षित होगा।)
किसी भी निर्णय की स्थिति में वेबसाइट पर अपलोड नियमावली की प्रति ही मान्य होगी।
Note : - सदस्यों द्वारा अपना सहयोग सीधा मृतक स्वजातीय बन्धुओ के नॉमिनी को दिया जाता है अतः आपके द्वारा दिए गए सहयोग के बदले सहयोग प्राप्त करने का कोई कानूनी अधिकार नही होगा, यह पूरी तरह सदस्यों की मर्जी पर निर्भर रहेगा, टीम द्वारा अपील करने पर सहयोग कम ज्यादा आने पर या ना आने की दशा में टीम जिम्मेदार नहीं होगी। क्योंकि टीम सिर्फ सहयोग की अपील करती है है अतः किसी तरह की देनदारी के लिए कानूनी अधिकार मान्य नहीं होगा। कोई तथ्य छुपा कर या बिना पात्रता पूरी किए जुड़ जाता है और सहयोग कर देता है तो उसका दावा मान्य नहीं होगा ।
🙏 GPSSCT-अपना सहयोग, अपनों का सहारा 🙏