स्व० जयदयाल जी गुप्त

Posted By: मनोज कुमार - राष्ट्रीय मंत्री युवा

On: 25-03-2017

Category: महत्वपूर्ण व्यक्ति

Tags: मऊ

वैश्य समाज के गौरव , विशाल गंभीर ह्रदय वाले मार्गदर्शक जयदयाल जी 01 जनवरी 1954 में मोहल्ला विश्वनाथ पूरा, मऊ नाथ भंजन, मऊ में जन्म लेकर पिता स्व० घुरहू साव जी के कुल की ही नहीं इस वसुंधरा को कृतार्थ किया | पिता सच्चे हिंदुत्ववादी एवं मृदुल भाषी , नौ दुर्गा के परमभक्त थे | माता बड़ी उदार एवं पति अनुगामिनी थी | एकलौते पुत्र के लिए सदा पलक पसारे रहती थी | इनके माता - पिता दुसरे की मदद के लिए आगे पीछे कुछ भी नहीं सोचते थे | माता - पिता का प्रभाव जयदयाल जी पर पड़ना स्वाभाविक था |

ग्राम धवारिया साथ जनपद मऊ के स्वजातीय चौधरी मुन्नी साव जी की कन्या रामवती देवी से जयदयाल जी का पाणिग्रहण संस्कार संपन्न हुआ | उनका दाम्पत्य जीवंन सुखी से व्यवतीत हुआ | आप आचार में अत्यंत संयमी और विचार में परम उदारवादी थे आप भी अपने पिता के समान माँ दुर्गा के पूजा पाठ में नवरात्र में पूर्ण रूप से लगे रहते थे | आपके परिवार में पत्नी एवं दो पुत्रिया और एक भतीजा जो आपके समान समाज का सदैव सम्मान करते हैं |

जब 1980 में मध्यदेशीय वैश्य का प्रान्तीय सम्मलेन जिसके प्रभारी अध्यक्ष प्रो० राम आधार गुप्त जी थे | उनके प्रभाव एवं विचार से इतना प्रभावित हुए की अपने समाज को संगठित करने का बीड़ा उठाया | संगठन के प्रति इतना उत्साह था की अपने स्वस्थ्य की चिंता किये बिना कार्यक्रम बनाना एवं कार्यक्रम में जाना आवश्यक समझते थे |

अपने अखिल भारतीय मध्देशीय वैश्य - मऊ के क्षेत्रिय इकाई का गठन किये , आपको समाज ने सर्वसम्मत से नगर अध्यक्ष मऊ , अनाथाश्राम अध्यक्ष - करजौली खुरहट मऊ बनाया | वैश्य समाज में राजनितिक चेतना लाने के लिए आप परिवर्तन समाज पार्टी के सदस्य बने और सन 2002 , में परिवर्तन समाज पार्टी के जिला अध्यक्ष सर्वसम्मति से बने | अपने कार्यकाल में विधायक का चुनाव लड़ाने के लिए वर्ष 2002 में अपने पास से डाक्टर अमित चन्द गुप्त को पर्चा भरवाए और चुनाव लडवाए |

समाज में एक नयी चेतना आई , जिसके उपरांत आपका विचार था की समाज को संगठित करने के लिए सामाजिक भवन का होना ज़रूरी है | आप चाहते थे की मऊ ब्रह्मस्थान में भूमि स्थित पर सामाजिक भवन बने , जिसके लिए आप मध्यदेशीय अतिथि भवन का निर्माण हो का नारा दिया | आप समाज को व्यक्तिवादी प्रथा से मुक्त करना चाहते थे | फलस्वरूप अपने कार्यकाल में निर्माण समिति का घटन किया जिसके अध्यक्ष श्री पारसनाथ गुप्त पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष , महामंत्री मनोज कुमार गुप्त , कोषाध्यक्ष नन्दलाल गुप्त के कार्यकाल में परम पूज्य पब्बर राम जी पूर्व विधायक के कर कमलो से दिनाँक 27-08-1997 को शिलान्याश हुआ | निर्माण समिति के साथ - साथ आप पूरी निष्ठा के साथ समाज के सहयोग से नो पिलर खड़ा कर दिये | आपके प्रयास से मंत्री मनोज कुमार ने एक योजना बनाई की माननीय जगरनाथ बाबु ( भारत लूव ) के डारेक्टर मऊ में आने वाले हैं , जिसका पदार्पण मध्यदेशीय अतिथी भवन के भूमि पर कराई जाये जिसके निमित्त रातो रात योजना बनाया | पूर्व प्रदेश के वरिष्ठ अध्यक्ष श्री शिव कुमार जी के अनुरोध पर भूमि पर जाने की अनुमति मिल गयी श्री जगरनाथ बाबु कार्यक्रम में उपस्थित हुए जिसमे एक लाख ग्यारह हजार रूपये की घोषणा करके समाज को एक नई उर्जा प्रदान किये |

निर्माण कार्य में शिथिलता देख, मऊ के जनमानस के भावना का समादर करते हुए अपने देख रेख में श्री राजेंद्र प्रसाद राजवती के नेतृत्व में निर्माण समित का गठन कराकर अपने सहयोगियों के साथ पुरे जनपद का भ्रमण किया व सभी का अपार सहयोग के बल पर दिनाक 19 सितम्बर 2010 को श्री जगन्नाथ बाबु द्वारा अतिथि भवन का उदघाटन / लोकार्पण करने में सफलता पायी |

आपको जब कभी मै इलाज कराने के लिए हास्पिटल ले जाता था तो उनको समाज के कार्यकर्मो की चिंता लगी रहती थी और बार बार समाज की चर्चा किया करते मुझे प्रेरणा देते हुए 3 सितम्बर 2010 को पार्थिव शरीर छोड़कर चले गए |

यधपि कि आज हमारे बीच स्व० जयदयाल जी नहीं हैं परन्तु उनके अथक प्रयासों से सम्पादित कार्य उनके व्यक्तित्व की कहानी कह रही है | उनकी अभिलासा , सामाजिकता उनकी संवेदना आज भी हमारी पथ प्रदर्शन कर रही है | उनकी प्रेरणा सदैव हमारे साथ रहे , यही हमारी कामना है |

हम उनके बताये गए राह पर चल कर अपने समाज की वास्तविक सेवा कर सकेंगे , यही सच्चे मायनो में उनके प्रति हमारी श्रद्धांजलि होगी |

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